शायरी || मंच संचालन शायरी || अभी तो सफर शुरू हुआ है ||
"अभी तो सफर शुरू हुआ है..." अभी तो सफर शुरू हुआ है, हजारों सुहानी शाम अभी बाकी हैँ... अभी तो थोडा गुलकन्द ही बना है, पूरा गुलिश्तान अभी बाकी है... बिखेरना है ...