शायरी || मंच संचालन शायरी || अभी तो सफर शुरू हुआ है ||


             "अभी तो सफर शुरू हुआ है..."

अभी तो सफर शुरू हुआ है,
        हजारों सुहानी शाम अभी बाकी हैँ...

अभी तो थोडा गुलकन्द ही बना है,
        पूरा गुलिश्तान अभी बाकी है...

बिखेरना है मुहब्बत का मीठापन,
       अभी तो कुछ नहीँ हुआ...

हमें जन्नत बनाना है ये दोस्त,
       बहुत काम अभी बाकी है...

आओ मिल के शपथ उठायें
       एक बडा सा लक्ष्य बनायें...

साथ लेकर सब लोगो को,
       अद्भुत सा भारत बनाये...

खडे खडे ही अपनी जमीन पर
       मिल कर के आकाश उठायें...

                      - धर्मदेवसिंह महिडा
                        १५ अक्टूबर, २०१८

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