कविता:- कॉलेज का रंग

                     " कॉलेज का रंग..."

"कौन कहता है जीवन है बेढंग,
    मिला दो उसमे कॉलेज का रंग।

पढ़ाई है, मस्ती है, साथ है मित्रो का संग,
   दीवारो में छलकाता कॉलेज का रंग।

कभी कभी लेक्चर्स करते हमको तंग,
   शरारत मिला लो, सतरंगी बन जाएगा कॉलेज का रंग।

स्पोर्ट्स, कल्चर और वार्षिकोत्सव का उमंग,
   इसी में तो है, कॉलेज का रंग।

मंद मंद बहती संस्कार की तरंग,
   पशुप्रेम शिखाता हमें, कॉलेज का रंग।

पढ़ो पढ़ाओ, आगे बढ़ाओ, निष्फलता से खेलो जंग,
   साथ रहेगा हरपल तुम्हारा,पाया हुआ कॉलेज का रंग।

जब भविष्य बनाने में लगे शरीर का अंग-अंग,
   भूल न जाए लगाना, ये कॉलेज का रंग ।। "
 
                      - धर्मदेवसिंह महिडा

Comments

  1. सायद आप हो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संग ....
    इसलिये आपको लगा है कविता रंग..

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    Replies
    1. सही बात है ।।

      जब दिलमें हो देशप्रेम का रंग,
      तभी तो छलकेगा कविता का उमंग।।

      Delete

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